विदुर नीति

दम्भं मोहं मात्सर्यं पापकृत्यं राजद्धिष्टं पैशुनं पूगवैरम् ।
मत्तोन्मत्तैदुर्जनैश्चापि वादं यः प्रज्ञावान् वर्जयेत् स प्रानः ॥

Vidur Niti with hindi meaning

जो व्यक्ति अहंकार, मोह, मत्सर्य (ईष्र्या ), पापकर्म, राजद्रोह, चुगली समाज से वैर -भाव, नशाखोरी, पागल तथा दुष्टों से झगड़ा बंद कर देता है वही बुद्धिमान एवं श्रेष्ठ है ।

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