विदुर नीति

यो नोद्धतं कुरुते जातु वेषं न पौरुषेणापि विकत्थतेऽन्त्यान्।
न मूर्च्छितः कटुकान्याह किञ्चित् प्रियंसदा तं कुरुते जनो हि ॥

Vidur Niti with hindi meaning

जो व्यक्ति शैतानों जैसा वेश नहीं बनाता, वीर होने पर भी अपनी वीरता की बड़ाई नही करता, क्रोध से विचलित होने पर भी कड़वा नहीं बोलता, उससे सभी प्रेम करते हैं।

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न संरम्भेणारभते त्रिवर्गमाकारितः शंसति तत्त्वमेव । न मित्रार्थरोचयते विवादं नापुजितः कुप्यति चाप्यमूढः ॥

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