न संरम्भेणारभते त्रिवर्गमाकारितः शंसति तत्त्वमेव ।
न मित्रार्थरोचयते विवादं नापुजितः कुप्यति चाप्यमूढः ॥
Vidur Niti with hindi meaning
जो जल्दबाजी में धर्म, अर्थ तथा काम का प्रारंभ नहीं करता, पूछने पर सत्य ही उद्घाटित करता है, मित्र के कहने पर विवाद से बचता है, अनादर होने पर भी दुःखी नहीं होता। वही सच्चा ज्ञानवान व्यक्ति है ।