विदुर नीति

दश धर्मं न जानन्ति धृतराष्ट्र निबोध तान्। मत्तः प्रमत्तः उन्मत्तः श्रान्तः क्रुद्धो बुभुक्षितः ॥
त्वरमाणश्च लुब्धश्च भीतः कामी च ते दश। तस्मादेतेषु सर्वेषु न प्रसज्जेत पण्डितः ॥

Vidur Niti with hindi meaning

दस प्रकार के लोग धर्म-विषयक बातों को महत्त्वहीन समझते हैं । ये लोग हैं – नशे में धुत्त व्यक्ति, लापरवाह, पागल, थका-हारा व्यक्ति, क्रोध, भूख से पीड़ित, जल्दबाज, लालची, डरा हुआ तथा काम पीड़ित व्यक्ति । विवेकशील व्यक्तियों को ऐसे लोगों की संगति से बचना चाहिए । ये सभी विनाश की और ले जाते हैं ।

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निषेवते प्रशस्तानी निन्दितानी न सेवते ।
अनास्तिकः श्रद्धान एतत् पण्डितलक्षणम् ॥

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