पंचैव पूजयन् लोके यश: प्राप्नोति केवलं ।
देवान् पितॄन् मनुष्यांश्च भिक्षून् अतिथि पंचमान् ॥
Vidur Niti with hindi meaning
देवता, पितर, मनुष्य, भिक्षुक तथा अतिथि-इन पाँचों की सदैव सच्चे मन से पूजा-स्तुति करनी चाहिए । इससे यश और सम्मान प्राप्त होता है ।