विदुर नीति

पन्चाग्न्यो मनुष्येण परिचर्या: प्रयत्नत:।
पिता माताग्निरात्मा च गुरुश्च भरतर्षभ ॥

Vidur Niti with hindi meaning

माता, पिता, अग्नि, आत्मा और गुरु इन्हें पंचाग्नी कहा गया है। मनुष्य को इन पाँच प्रकार की अग्नि की सजगता से सेवा-सुश्रुषा करनी चाहिए । इनकी उपेक्षा करके हानि होती है ।

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निषेवते प्रशस्तानी निन्दितानी न सेवते ।
अनास्तिकः श्रद्धान एतत् पण्डितलक्षणम् ॥

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