द्वे कर्मणी नरः कुर्वन्नस्मिंल्लोके विरोचते।
अब्रुवं परुषं कश्चित् असतोऽनर्चयंस्तथा ॥
Vidur Niti with hindi meaning
जो व्यक्ति जरा भी कठोर नहीं बोलता हो तथा दुर्जनों का आदर-सत्कार न करता हो, वही इस संसार में सब से आदर-सम्मान पता है ।
द्वे कर्मणी नरः कुर्वन्नस्मिंल्लोके विरोचते।
अब्रुवं परुषं कश्चित् असतोऽनर्चयंस्तथा ॥
जो व्यक्ति जरा भी कठोर नहीं बोलता हो तथा दुर्जनों का आदर-सत्कार न करता हो, वही इस संसार में सब से आदर-सम्मान पता है ।