एकः सम्पत्रमश्नाति वस्त्रे वासश्च शोभनम् ।
योऽसंविभज्य भृत्येभ्यः को नृशंसतरस्ततः ॥
Vidur Niti with hindi meaning
जो व्यक्ति स्वार्थी है, कीमती वस्त्र, स्वादिष्ट व्यंजन, सुख-ऐश्वर्य की वस्तुओं का उपभोग स्वयं करता है, उन्हें जरूरतमंदों में नहीं बाटँता-उससे बढ़कर क्रूर व्यक्ति कौन होगा?