विदुर नीति

संसारयति कृत्यानि सर्वत्र विचिकित्सते।
चिरं करोति क्षिप्रार्थे स मूढो भरतर्षभ ॥

Vidur Niti with hindi meaning

जो व्यक्ति अनावश्यक कर्म करता है, सभी को संदेह की दृष्टि से देखता है, आवश्यक और शीघ्र करने वाले कार्यो को विलंब से करता है, वह मूर्ख कहलाता है ।

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निषेवते प्रशस्तानी निन्दितानी न सेवते ।
अनास्तिकः श्रद्धान एतत् पण्डितलक्षणम् ॥

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