न हृष्यत्यात्मसम्माने नावमानेन तप्यते।
गाङ्गो ह्रद ईवाक्षोभ्यो यः स पण्डित उच्यते ॥
Vidur Niti with hindi meaning
जो व्यक्ति न तो सम्मान पाकर अहंकार करता है और न अपमान से पीड़ित होता है । जो जलाशय की भाँति सदैव क्षोभरहित और शांत रहता है, वही ज्ञानी है।