अयि मलयज! महिमाSयं कस्य गिरामस्तु विषयस्ते।
उद्गिरतो यद्गरलं फणिन: पुष्णासि परिमलोद्गारै:॥
Sanskrit Subhashit with hindi meaning
हे चन्दन के वृक्ष! तेरी यह महिमा किसकी वाणी ने प्रकट की है कि तू विष उगलने वाले सांपों को भी अपनी सुगंध की धाराओं से पुष्ट करता है। भावार्थ यह है कि सज्जन लोग अपना बुरा करने वालों का भी उपकार ही करते हैं।
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