उत्सवे व्यसने चैव, दुर्भिक्षे शत्रु संकटे।
राजद्वारे श्मशाने च, यः तिष्ठति सः बान्धवः ॥
Sanskrit Subhashit with hindi meaning
समय व्यतीत करने में, गलती करने पर, उपलब्धि होने पर, अकाल या धन की कमी होने पर, शत्रु का आक्रमण होने पर, राजा का कोप होने पर और मृत्यु में भी जो साथ दे – वही मित्र है।
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