कुर्वीत समये श्राद्घं कुले कश्चिन्न सीदति ।
आयुः पुत्रान् यशः स्वर्गं कीर्तिं पुष्टिं बलं श्रियम्॥
पशून् सौख्यं धान्यं प्राप्तयात् पितृपूजनात् ।
गरुड़पुराण १०/५७,५८
Sanskrit Subhashit with hindi meaning
समयानुसार श्राद्ध, तर्पण करने से कुल में कोई दुखी नहीं रहता । पितरों की पूजा करने पर मनुष्य आयु, पुत्र, यश, स्वर्ग, कीर्ति, पुष्टि, बल, श्री, पशु, सुख, धन -संपत्ति, स्वर्ग तथा मोक्ष प्राप्त करता है।
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