येषां न विद्या न तपो न दानं, ज्ञानं न शीलं न गुणो न धर्म: |
ते मृत्युलोके भुविभारभूता मनुष्यरूपेण मॄगाश्चरन्ति ||
Sanskrit Subhashit – Subhashitani with hindi meaning
जिस मनुष्यने किसी भी प्रकार से विद्या अध्ययन नहीं किया, न ही उसने व्रत और तप किया, थोड़ा बहुत अन्न-वस्त्र-धन या विद्या दान नहीं दिया, न उसमें किसी भी प्रकार का ज्ञान है, न शील है, न गुण है और न धर्म है। ऐसे मनुष्य इस धरती पर भार होते हैं। मनुष्य रूप में होते हुए भी पशु के समान जीवन व्यतीत करते हैं।
A person who is not educated, who is not ready to work hard, who does not donate whatever he has, who does not have knowledge, who does not have a good character, good qualities and one who does not obey dharma, such a person on this earth is just a useless person, he is as good as any other animal. please see subhashit no 18 which also distinguishes between a human and other animals.