सुभाषितानि

क्षणशः कणशश्चैव विद्यामर्थं च साधयेत् |
क्षणे नष्टे कुतो विद्या कणे नष्टे कुतो धनम् ||

Sanskrit Subhashit – Subhashitani with hindi meaning

एक-एक क्षण गँवाए बिना विद्या पानी चाहिए; और एक-एक कण बचाकर धन इकट्ठा करना चाहिए. क्षण गँवाने वाले को विद्या प्राप्त नहीं होती, और कण नष्ट करने वाले को धन नहीं मिलता.

Knowledge (vidyaa) and wealth (artha) are procured with every moment (kShaNa) and every grain (kaNa) (respectively). How can knowledge come (if even a) moment is wasted? How can wealth come (if even a) grain is wasted?

‘Boond boond se saagar bhartaa hai’, every drop counts.

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क्षणशः कणशश्चैव विद्यामर्थं च साधयेत् |
क्षणे नष्टे कुतो विद्या कणे नष्टे कुतो धनम् ||

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