किं स्तौमि त्वां गणाधीश योगशान्तिधरं परम् ।
वेदादयो ययुः शान्तिमतो देवं नमाम्यहम्॥
गणाधीश ! आप योगशान्तिधारी उत्कृष्ट देवता हैं, मैं आपको क्या स्तुति कर सकता हूँ ! आपकी स्तुति करने में तो वेद आदि भी शान्ति धारण कर लेते हैं अतः मैं आप गणेश देवता को नमस्कार करता हूँ ।