संस्कृत श्लोक

न क्रुद्ध्येन्न प्रहृष्येच्च मानितोऽमानितश्च यः ।
सर्वभूतेष्वभयदस्तं देवा ब्राह्मणं विदुः ॥

Pramukh shlok with hindi meaning

जो व्यक्ति सम्मान दिए जाने अथवा अपमान किये जाने पर न तो प्रसन्न होता है और न ही नाखुश, और जो सभी प्राणियों अभय देता है उसी को देवतागण ब्राह्मण कहते है ।

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