संस्कृत श्लोक

श्वः कार्यमद्य कुर्वीत पूर्वाह्णे चापराह्णिकम् ।
न हि प्रतीक्षते मृत्युः कृतं वास्य न वा कृतम् ॥

Pramukh shlok with hindi meaning

जो कार्य कल किया जाना है उसे पुरुष आज ही संपन्न कर ले, और जो अपराह्न में किया जाना हो उसे पूर्वाह्न में पूरा कर ले, क्योंकि मृत्यु किसी के लिए प्रतीक्षा नहीं करती है, भले ही कार्य संपन्न कर लिया गया हो या नहीं ।

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