संस्कृत श्लोक

सर्वद्रव्येषु विद्यैव द्रव्यमाहुरनुत्तमम् ।
अहार्यत्वादनर्घत्वादक्षयत्वाच्च सर्वदा॥

Pramukh shlok with hindi meaning

विद्वान् लोग कभी न चुराये जाने, अनमोल होने तथा कभी क्षय न होने के कारणों से सभी द्रव्यों, यानी सुख-संपदा-संतुष्टि के आधारों, में से विद्या को ही सर्वोत्तम होने की बात करते हैं ।

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