प्रार्थना श्लोक

या कुंदेंदुतुषारहार धवला, या शुभ्र वस्त्रावृता ।
या वीणावरदण्डमंडितकरा, या श्वेतपद्मासना ॥
या ब्रह्माच्युतशंकरप्रभ्रृतिभिर्देवै: सदा वन्दिता ।
सा मां पातु सरस्वती भगवती निःशेष जाड्यापहा ॥

Prarthana Slok with Hindi meaning (Prayers Sloks)

जिनका कोई आकार नहीं, जो ॐ के मूल हैं, जिनका कोई राज्य नहीं, जो गिरी के वासी हैं, जो कि सभी ज्ञान, शब्द से परे हैं, जो कि कैलाश के स्वामी हैं, जिनका रूप भयावह हैं, जो कि काल के स्वामी हैं, जो उदार एवम् दयालु हैं, जो गुणों का खजाना हैं, जो पुरे संसार के परे हैं उनके सामने मैं नत मस्तक हूँ ।

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प्रार्थना श्लोक

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