प्रमुख श्लोक

पातितोऽपि कराघातै-रुत्पतत्येव कन्दुकः।
प्रायेण साधुवृत्तानाम-स्थायिन्यो विपत्तयः॥

Pramukh shlok with hindi meaning

हाथ से पटकी हुई गेंद भी भूमि पर गिरने के बाद ऊपर की ओर उठती है, सज्जनों का बुरा समय अधिकतर थोड़े समय के लिए ही होता है ।

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