प्रमुख श्लोक

चित्तोद्वेगं विधायापि हरिर्यद्यत् करिष्यति।
तथैव तस्य लीलेति मत्वा चिन्तां द्रुतं त्यजेत॥

Pramukh shlok with hindi meaning

चिंता और उद्वेग में संयम रख कर और ऐसा मान कर कि श्रीहरि जो जो भी करेंगे वह उनकी लीला मात्र है, चिंता को शीघ्र त्याग दें ।

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