प्रमुख श्लोक

मा कुरु धनजनयौवनगर्वं,हरति निमेषात्कालः सर्वं।
मायामयमिदमखिलम् हित्वा,ब्रह्मपदम् त्वं प्रविश विदित्वा॥

Pramukh shlok with hindi meaning

धन, शक्ति और यौवन पर गर्व मत करो, समय क्षण भर में इनको नष्ट कर देता है| इस विश्व को माया से घिरा हुआ जान कर तुम ब्रह्म पद में प्रवेश करो ।

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