चाणक्य नीति

सुभाषितानि – चाणक्य नीति के श्लोक अर्थ सहित

परोक्षे कार्यहन्तारं प्रत्यक्षे प्रियवादिनम्।
वर्जयेत्तादृशं मित्रं विषकुम्भं पयोमुखम् ॥

चाणक्य नीति

Chanakya niti with hindi meaning

पीठ पीछे काम बिगाड़नेवाले था सामने प्रिय बोलने वाले ऐसे मित्र को मुंह पर दूध रखे हुए विष के घड़े के समान त्याग देना चाहिए ।

Chayankaya Niti | ChayankayaNiti | Chayankaya | Chanakya Thoughts | Chankya | Chanakyaa | Yoga
परोक्षे कार्यहन्तारं प्रत्यक्षे प्रियवादिनम्।
वर्जयेत्तादृशं मित्रं विषकुम्भं पयोमुखम् ॥

चाणक्य नीति

%d