चाणक्य नीति

सुभाषितानि – चाणक्य नीति के श्लोक अर्थ सहित

पुस्तकस्था तु या विद्या परहस्त गतं धनं |
कार्यकाले समुत्पन्ने न सा विद्या न तद्धनम् ||
चाणक्य नीति

Chanakya niti with hindi meaning

पुस्तकों में वर्णित विद्या तथा अन्य व्यक्तियों के पास रखा हुआ अपना ही धन आवश्यकता पडने पर न तो वह विद्या काम आती है और न ही वह धन उपलब्ध होता है |

Knowledge enshrined only in books and wealth under control of others, whenever need arises for them then neither the said knowledge nor the wealth is available.

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पुस्तकस्था तु या विद्या परहस्त गतं धनं |
कार्यकाले समुत्पन्ने न सा विद्या न तद्धनम् ||
चाणक्य नीति

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