भर्तृहरि नीतिशतक

आरभ्यते न खलु विघ्नभयेन नीचै:
प्रारभ्य विघ्नविहता विरमंति मध्या: ।
विघ्नै: पुन: पुनरपि प्रतिहन्यमाना:
प्रारभ्य चोत्तमजना: न परित्यजंति ।।

भर्तृहरि नीतिशतक

Bhartuhari Nitishatak Shlok with hindi meaning

इस संसार में नीच, मध्यम और उत्तम ये तीन प्रकार के मनुष्य होते हैं; जिनमे से नीच प्रकार के मनुष्य तो आने वाली विध्न-बाधाओं के डर मात्र से ही किसी कार्य की शुरुआत नहीं करते; और मध्यम प्रकार के मनुष्य कार्य की शुरुआत तो करते हैं लेकिन छोटी-छोटी परेशानियों के आते ही काम को अधूरा छोड़ देते हैं; परन्तु उत्तम मनुष्य ऐसे धैर्यवान होते हैं जो बार-बार विपत्तियों के घेर लेने पर भी अपने हाथ में लिए गए काम सम्पूर्ण किये बिना कदापि नहीं छोड़ते।

Those who do not start the work (at all) fearing the obstacles are (called) men of low caliber. Those who start the work but stop on encountering obstacles are the men of medium caliber. Those who even after being destroyed again & again by obstacles do not leave the work once started are (called) men of high caliber.

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आरभ्यते न खलु विघ्नभयेन नीचै:
प्रारभ्य विघ्नविहता विरमंति मध्या: ।
विघ्नै: पुन: पुनरपि प्रतिहन्यमाना:
प्रारभ्य चोत्तमजना: न परित्यजंति ।।

भर्तृहरि नीतिशतक

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